राज्यसभा में JP नड्डा ने मांगी माफी, बोले- ‘अपने शब्द वापस लेता हूं, क्षमा चाहता हूं’ जानिए क्यों?

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JP Nadda

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राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा ने तीखा जवाब दिया, लेकिन बाद में माफी भी मांगी. नड्डा ने खरगे को अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने कई मंत्रालयों पर लंबा वक्तव्य दिया है।

नई दिल्ली, पंचखबर डेस्क। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा ने तीखा जवाब दिया, लेकिन बाद में माफी भी मांगी. नड्डा ने खरगे को अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने कई मंत्रालयों पर लंबा वक्तव्य दिया है, जिसका जवाब दिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने खरगे की भाषा पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनका शब्द चयन उनके स्तर से नीचे था और प्रधानमंत्री पर की गई टिप्पणी पीड़ादायक है. उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी तकलीफ समझ सकता हूं क्योंकि उन्हें 11 वर्षों से विपक्ष में बैठना पड़ रहा है।

‘मेंटल बैलेंस’ टिप्पणी पर उठा विवाद

नड्डा ने आगे आरोप लगाया कि खरगे कांग्रेस पार्टी से इस कदर जुड़ गए हैं कि देश गौण हो गया है और उन्होंने ‘मेंटल बैलेंस खोकर’ ऐसी टिप्पणी की है. इस बयान पर विपक्ष भड़क उठा और सदन में जोरदार हंगामा हुआ. विरोध बढ़ते देख नड्डा ने सफाई देते हुए कहा कि वह अपने शब्द वापस लेते हैं और ‘मेंटल असंतुलन’ के स्थान पर ‘भावावेश’ शब्द का प्रयोग किया जाए. साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि इस टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए।

खरगे ने जताई नाराजगी, नड्डा ने जताया खेद

जेपी नड्डा की टिप्पणी पर मल्लिकार्जुन खरगे ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर उन्हें ‘मेंटल’ कहा गया है तो वे इसे यूं ही नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि कई सरकारी मंत्री खुद मानसिक संतुलन खोकर बयान देते हैं. इसके जवाब में नड्डा ने कहा कि यदि उनके शब्दों से खरगे की भावनाएं आहत हुई हैं तो वे क्षमा मांगते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष भावावेश में इस हद तक बह गया कि प्रधानमंत्री की गरिमा का भी ध्यान नहीं रखा। नड्डा की माफी पर खरगे ने कहा, ‘इस सदन में कुछ नेता ऐसे हैं जिनका मैं सम्मान करता हूं. नड्डा जी और राजनाथ जी उनमें शामिल हैं, लेकिन आज मुझे नसीहत दी जा रही है, यह शर्म की बात है. उन्हें स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए, मैं इसे ऐसे नहीं छोड़ूंगा.’ इस पूरे घटनाक्रम ने राज्यसभा की कार्यवाही को कुछ समय के लिए बाधित कर दिया और सत्ता व विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।

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